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WhatsApp Leave India if … WhatsApp Threat to Delhi high court… वॉट्सऐप जा रहा है इंडिया छोड़ कर जाने क्या है पूरा मामला?  2024

WhatsApp Leave India if … वॉट्सऐप ने दिया दिल्ली हाई कोर्ट को धमकी? की वो इंडिया छोड़करजा सकते। वॉट्सऐप जा रहा है इंडिया छोड़ कर जाने क्या है पूरा मामला? 

दोस्तों अगर मैं आपको सीधे शब्दों में बताना चाहु तो वॉट्सऐप और फेसबुक दोनों ने दिल्ली हाई कोर्ट को ये एक चुनौती दी है। यानी की आप बोल सकते है की एक तरीके से धमकी दी है की अगर आप हम लोगों को हमारे जो मैसेज है यानी की जो कस्टमर्स है। हमारे जो यूजर्स हैं उनके प्राइवेट मैसेज को।अगर आप लोग इनक्रिप्टेड करने के लिए कहेंगे इनक्रिप्टेड मतलब होता है दरअसल दोस्तों ये हैं की आप जब किसी को भी कोई मैसेज भेजते हैं तो फेसबुक और व्हाट्सएप के बैकेंड(Data) में जाकर ***** इस तरह से Save हो जाता है। यानी की उसको वो लोग देख नहीं सकते की उसके अंदर क्या लिखा हुआ है

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लेकिन अब गवर्नमेंट न्यू रूल के अकॉर्डिंग व्हाट्सएप और फेसबुक को उन सभी मैसेज का डेटा रखना होगा कि वो सब मेसेजेस क्या है? क्योंकि किसी भी टाइम किसी भी मैसेज को उनसे दिखाने के लिए बोला जा सकता है और फेसबुक, वाट्सऐप यही बोल रहे हैं। अगर हम को इस तरह से Data रखना पड़ा तो हमको हजारों लाखों मैसेजेस का डेटा रखना पड़ेगा और हमें ये भी नहीं पता है कि हमें किस टाइम पे कौन से वाले मैसेज का डेटा दिखाने के लिए बोला जा सके

फेसबुक वालों का ये भी कहना है कि ऐसा कोई भी रूल वर्ल्ड में कहीं भी नहीं है। यहाँ तक कि ब्राज़ील में भी आज तक उनसे ऐसा कोई भी Rule बनाने के लिए या ऐसा कोई भी बात नहीं की गई। 

WhatsApp Leave India if … WhatsApp Threat to Delhi high court…

WhatsApp ने दिल्ली उच्च न्यायालय में संशोधित आईटी नियमों पर चुनौती देने वाले एक मामले में कहा है कि अगर संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने की मांग की जाती है, तो WhatsApp नहीं बना रहेगा व्हाट्सएप और फेसबुक (अब मेटा) ने 2021 के सूचना प्रौद्योगिकी (अंतरबाबती परंपरा और डिजिटल मीडिया नैतिकता संहिता) नियमों के नियम 4(2) का विरोध किया है। यह नियम निर्दिष्ट करता है कि सामाजिक मीडिया अन्तरबाह्यकारी जो संदेशित की प्रकृति में प्राथमिकता से सेवाएं प्रदान करता है, उसके कंप्यूटर संसाधन पर सूचना के पहले स्रोत की पहचान को संभवतः एक न्यायिक आदेश द्वारा पारित किया गया हो, जैसा कि एक न्यायिक आदेश या प्राधिकरण द्वारा आवश्यक हो सकता है।

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WhatsApp के पक्षकार( वकील ) तेजस कारिया, जो व्हाट्सएप के लिए प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ने कहा कि लोग इस प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग इसलिए करते हैं क्योंकि इसकी गोपनीयता और इस पर संदेश अंत से अंत एन्क्रिप्टेड( छिपा हुआ ) होने की गारंटी होती है

जैसा कि रिपोर्ट में कहा गया, MR. कारिया ने कहा, “जैसा कि एक प्लेटफ़ॉर्म, हम कह रहे हैं, अगर हमें एन्क्रिप्शन( छिपा हुआ सन्द्देश ) तोड़ने के लिए कहा जाता है, तो WhatsApp बंद हो जयगा उन्होंने कहा कि यह आवश्यकता उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता के खिलाफ है और इसे बिना परामर्श के पेश किया गया है। मिस्टर कारिया ने कहा कि यह नियम WhatsApp को सालों तक करोड़ों संदेश स्टोर करने की आवश्यकता प्रदान करेगा, जो दुनिया के किसी भी अन्य स्थान में मौजूद नहीं है।हमें पूरी श्रृंखला रखनी होगी और हमें यह नहीं पता कि किस संदेश को डिक्रिप्ट( दिखाने ) करने के लिए कहा जाएगा। इसका मतलब है कि करोड़ों करोड़ संदेशों को सालों तक स्टोर किया जाना होगा,उन्होंने दबाव डाला कि मूल जानकारी प्रौद्योगिकी अधिनियम एन्क्रिप्शन को तोड़ने की प्रावधानिकता प्रदान नहीं करता। तब बेंच ( जज साहब ) ने पूछा कि क्या इस तरह का कानून दुनिया के किसी और स्थान पर है। “क्या इस समाचार का कहीं और विचार किया गया है? आपसे कहीं भी सूचना साझा करने के लिए कभी पूछा गया है? दक्षिण अमेरिका में भी?” मिस्टर कारिया ने जवाब दिया ऐसा कोई नियम नहीं है और हमसे आज तक ब्राज़ील में भी नहीं पूछा गया है

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